सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिना काम के घर से फंसे सभी प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर उनके गृह राज्यों में वापस भेजा जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सभी प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर घर वापस भेज दिया जाए। (PTI)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिना काम के घर से फंसे सभी प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर उनके गृह राज्यों में वापस भेजा जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र को 24 घंटे के भीतर राज्यों को अतिरिक्त ट्रेनें मुहैया करानी चाहिए।
अदालत ने कहा है कि इस मुद्दे पर और निर्देश दिए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि सभी प्रवासी श्रमिकों को पंजीकरण के माध्यम से पहचाना जाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को प्रवासियों को रोजगार देने के लिए योजनाएं प्रस्तुत करनी चाहिए। राज्य सरकारों को प्रवासी प्रवासी मजदूरों की काउंसलिंग की सुविधा देने के लिए भी कहा गया है।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, “केंद्र और राज्यों को सुव्यवस्थित तरीके से प्रवासी श्रमिकों की पहचान के लिए एक सूची तैयार करनी होगी। रोजगार राहत को मैप करना होगा और प्रवासी मजदूरों को स्किल-मैपिंग करनी होगी। ”